Monday, April 30, 2018

Green Dot- Short Story of Online

Chapter 1:Fears Of Fearless (cont..)

with the passing hours and yet growing silence i thought its just apart being connected through facebook messenger ,are truly we connect to each other?
Many thoughts had their neural psychopathic disturbances and mood swing as outcomes,with the post(about a common injury we both sufferd) from our mutual friend and tagging both of us with many others, one comment on that update broke the icing silence.the chat conversation started in public with few replies turned to confined between both of us...

she..... phir se
i.... haan yaar
she... kabhi sahi salamat rehne ka bhi vichar hai
i..... lagta to nahi
she... mazak karna kb band kroge....
i.... kyu aisse acche nahi lagte kya....
she....nahi.... dikho haath.
i.... sahi hai ....... bss swelling arahi hai
she..... swelling nahi aaygi to kya hoga ..kuch to akal se kiya karo.... jb dekho tb kuch na kuch thode phode rehte ho
I.... chalo yaar abb ho gaya sb thik hai...

Sunday, April 29, 2018

Green Dot- Short Story of OnLine

I logged in my facebook account and saw the green dot just besides her glorious name.Its existence made me fuzzy and every love song I’d get stuck in my head were sailing across my mind.I stare at that stupid little green dot next to her name mentally beg her to talk to me first ,a stupid idea but yet i wished for that.may be because on many occasions I breached the frozen conversation between us and I don't want to show myself desperate again in doing that again for this moment.I ignored to see that green dot for a while,but never ignored, what i wished before.every time the beeping message staking high my hopes and with knowing it wasn't from her, I ignored to reply to all my today's chat............

Wednesday, April 25, 2018

टर्निंग थर्टी: अब तक मेरी जिंदगी की कहानी (डस्क ऑफ़ डौन )



Final Chapter :-(डस्क ऑफ़ डौन )(भाग 6)

हकीकत में, "आयु" वास्तव में केवल मन की स्थिति है। हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 30 वर्ष के बाद, चीजें थोड़ा बदलना शुरू हो जाती हैं। आपके आस-पास के लोग बदलते हैं, जीवन पर आपका दृष्टिकोण बदलता है, और आप के विचार एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने लगते हैं।

मेरे 30 वें जन्मदिन दिन के लगभग छह महीने अभी बाकी है, कहीं कुछ नया करने की चाहत लिय, सबसे पहले, मैंने सोचा कि मैं अब क्या करू , मेरे पास कम से कम एक करियर में थोड़ी दिलचस्पी तो थी , मगर कोई विशेष कौशल या प्रतिभा नहीं, जिसे मैं किसी व्यवसाय में परिवर्तित कर सकता था, मैं जुनून की तलाश नहीं कर रहा हूं। मैं अपने समय और ऊर्जा को "एक चीज़" में समर्पित करने में रूचि रखता हूं। इसे शीर्ष पर रखने के लिए मैंने अपना काम फ्रीलांस के जरीय हि आगे जरी रखने का निर्णय लिया था । योजना सरल थी - पेशेवर ज्ञान को माध्यम बनाया जाय और हमेशा के लिए खुश रहें, क्यूंकि ये मेरा आपना फैसला था तो इसकी जिम्मेदारी भी मेरी हि थी । गलतियों के लिए और समय नहीं है मेरे पास |

मेरे  दिमाग में कई संदेह है क्योंकि शायद मैंने निरंतर अजीब प्रश्नों के साथ खुद को थका दिया था। हमारे जीवन के सभी पहलुओं में आजकल हमारे पास बहुत सारे विकल्प हैं :- कौन सी कार खरीदना है, किस रंग की, ट्रांसमिशन शैली, टायर के प्रकार, इंटीरियर फिट-आउट, मॉडल, इंजन क्षमता, और बहुत कुछ ...इससे समस्याएं पैदा होती हैं, क्योंकि अधिक पसंद के साथ, विचार प्रवाह की अधिक मात्रा, अधिक आंतरिक संघर्ष और आखिरकार एक अनसुलझा समाधान सामने रह जाता है।

मेरा करियर ऊपर की ओर तो नहीं मगर क्षैतिज रूप से आगे बढ़ रहा था कोई खास सफलता नहीं पर यदा कदा नुकसान हि हुवा था अभी तक, हौसला साथ देता, कभी नहीं भी देता मगर अब इन बातो के मायने मेरे लिय नहीं रह गये थे शायद ख़ुशी के कई मायने होते है, सफलता पर सब खुश होते है, मगर प्रयास, मेहनत की भी अपनी ख़ुशी होती है, अगर असफल हुय (किसी के लिए ये अपनी हार का बहाना भी हो सकता है , किसी  के लिय संतोष तो किसी के लिए सिखने का एक अच्छा मौका ) इन बातो से ये तो पता चलता है सब के लिय ख़ुशी की परिभाषा अलग है क्यूंकि हर इन्सान हर परिस्थितियों को अलग मेहसूस करता है अलग रियेक्ट करता है |

जब मैंने आखिरकार चीजों को समझना शुरु किया है, मैं अपने twenties के आखिरी चरण के लिए तैयार हूँ। अब तक प्रत्येक आइटम टुकड़ों के टुकड़े थे कुछ अच्छे, कुछ बुरे अपने खट्टा-मीठा अनुभव था , स्वयं में लगभग अर्थहीन, लेकिन जब वे सब(आइटम) एक साथ याद आते हैं, तो कुछ अर्थ बनाते हैं। समाज में रहना और इससे मुक्त होना संभव था। कई लोग मेरे बारे में अपनी राय दे सकते हैं और मुझे आदर्शवादी या तर्कहीन कह सकते हैं। और फिर भी मुझे लगता है कि यह सब मुझे तीसरे दशक में प्रवेश करने के लिए साहस देते है, आखिरकार, हालांकि महत्वाकांक्षी होना हमेशा अच्छा होता है, कुछ निश्चित उम्र से हासिल करने के बारे में सख्त लक्ष्य निर्धारित करने का मतलब है कि आप अपने आप को एक बॉक्स में डाल रहे हैं और रास्ते में विभिन्न अवसरों को खोने का जोखिम उठा रहे हैं। आखिरकार, जीवन एक यात्रा है - जैसा कि मुझे लगता है |

Tuesday, April 10, 2018

मन का दोखा

मन का दोखा भी
नज़रो से होता है.
जैसे की हम तुम भी
अब खुश हो
ये तो  सिर्फ सपनो में होता है.

Tuesday, April 3, 2018

एसइओ(SEO)क्या होता है ? What is SEO and Why SEO is important in Hindi?



एसईओ (S.E.O.) या खोज इंजन अनुकूलन (search engine optimization)  शब्द "खोज इंजन विपणन" (search engine marketing) S.E.M. (एसईएम) का एक सबसेट है  जिसके  ठीक से लागू होने पर, खोज इंजन अनुकूलन(S.E.O. search engine optimization),  आपकी वेबसाइट (website) को केवल खोज इंजन (search engine) द्वारा देखा जा सकता है या ऐस्सा कहें जब एक खोज (search ) शब्द (या तो कीवर्ड {keyword} या वाक्यांश {phrase}) दर्ज किए जाते हैं, तो खोज इंजन (search engine) परिणाम पृष्ठों में बहुत अधिक रैंक करने की क्षमता प्रदान करता है। परिणाम पृष्ठ आम तौर पर प्राकृतिक (organic) कभी कभी कार्बनिक (inorganic) भी कहा जाता है),जहाँ परिणाम(रिजल्ट्स), भुगतान शामिल (निर्देशिका) और भुगतान-प्रति-क्लिक (पीपीसी)(ppc) विज्ञापनों का एक संयोजन होता है|

लेकिन एसईओ आपके व्यापार की सफलता के लिए ऑनलाइन क्यों महत्वपूर्ण है? Why seo is important for digital world? ऑनलाइन मार्केटर्स के लिए SEO आपकी साइट को Google खोज परिणाम पृष्ठ के पहले पृष्ठ पर मिलाने के लिए केंद्र के आसपास स्थित हैं। क्यों Google? क्योंकि वर्तमान में यह सभी खोजों के आधे से अधिक बाजार का मालिक है यदि आप अपनी वेबसाइट(website) को इस तरह बेहतर तरीके से अनुकूलित(optimize) करते हैं कि यह गुणवत्ता के आवागमन में लाता है, तो आपको अपने निवेश पर अंतिम रिटर्न मिलेगा और अगर आपने Google के लिए अच्छा अनुकूलित(optimize) किया है, , तो आप दूसरे प्रमुख खोज इंजनों में रैंक करेंगे, जैसे कि याहू! yahoo और एमएसएन,msn  साथ ही साथ में।

एसईओ (seo) का दायरा आपकी साइट और अपनी जगह पर निर्भर करता है इसका मतलब जरूरी नहीं है कि आपको इस पर सप्ताह में कई घंटे बिताने की आवश्यकता होगी - आप निश्चित तौर पर इसमें इतना प्रयास करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं - लेकिन आपको एक ठोस सामग्री और लिंक-बिल्डिंग रणनीति को जगह में रखना होगा |लंबी अवधि के लिए मौजूदा साइटों को बस एक सही शीर्षक और मेटा (meta description) को लागू करने से अनुकूलित किया जा सकता है|

एक प्रभावी एसईओ (seo) योजना के लिए एक महत्वपूर्ण पहला कदम- भारी प्रतिस्पर्धी विश्लेषण प्रदर्शन करना है। वास्तव में, यदि आप अपने क्षेत्र और वेबसाइट से संबंधित कुंजी शब्द(keywords) या वाक्यांश(phrases) के लिए Google में खोज करते हैं, तो आपको पहले तीन से पांच वेबसाइटों को देखना चाहिए जो आपके Google खोज परिणामों के पहले पृष्ठ पर आते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि आपकी वेबसाइट इस तरह से बनाया जाए कि यह खोज-इंजन(search engine) के अनुकूल हो  लेकिन उपयोगकर्ता के अनुकूल भी हो|यह प्रतिक्रिया करने के लिए, आप अपनी साइट के बारे में क्या करना है ,वेबसाइट किस बारे में है तथा आप किन लोगो तक आपनी बात पहुँचाना है ,ये आपको बहुत स्पष्ट होना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि आपके "मूल्य प्रस्ताव" क्या है? फिर आप आसानी से नेविगेशन (navigation), कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट कॉल और प्रासंगिक सामग्री सुनिश्चित कर पाएंगे   जब आप अपनी विषयवस्तु और समुदाय के भीतर संबंधित सामग्री पृष्ठों और लिंक जोड़ते हैं, तो आप उसकी सफलता के लिए पहला कदम उठा रहे हैं।

seo को समझने लिय इन महतवपूर्ण बातो पर धयान देने की जरुवत है--
  • हमारी वेबसाइट किस विषय सम्बंधित है.
  • हम किस विषय पर लेख या विश्लेषण optimize करना चाहते है
  • उस विषय सम्बंधित महत्वपूर्ण (keywords) क्या क्या है?
  • हमारा लेख या जिससे optimize करना चाहते है उसमें इन keywords या phrases का उपयोग कितनी बार हुवा है|
  • हमें ध्यान देना चाहिय की keywords या phrases ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो मगर इतने भी नहीं की पूरा आर्टिकल का सार  बदल जाय.
  • हमें interlinks या links का इस्तेमाल करना चाहिय और उन शब्दों का चुनाव करना चाहिय जो की सरल तथा समझने में असान हो |