Saturday, April 17, 2021

असाध्य रोग निवारण मंत्र / Sarvrog Nivaran Achuk Mantra In Hindi

आयुर्वेद कहता है कि जप, यज्ञ, देवताओं का पूजन, ये भी रोगों की दवाएं हैं, ऐसे में रोगों के नाश के लिए विशेष पूजा और देवताओं के मंत्र के प्रयोग से रोग खत्म हो जाते हैं ।


अगर कोई व्यक्ति जटिल रोग से पीड़ि‍त हों, तो उन्‍हें श्री हनुमानजी की शरण में जाना चाहिए, और रोगनाश के लिए श्री हनुमानचालीसा की इन चौपाइयों और दोहों को मंत्र की तरह जपने से रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं ।वैसे तो श्रद्धालु पूरी हनुमानचालीसा का पाठ किया करते हैं. परंतु रोगनाश के लिए हनुमानचालीसा की इन चौपाइयों और दोहों को मंत्र की तरह जपने का विधान है:


दोहा मंत्र


बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार ।

बल बुधि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार ।


चौपाई मंत्र


नासै रोग हरै सब पीरा ।

जपत निरंतर हनुमत बीरा ।


इन दोनों का श्रद्धा पूर्वक 108 बार जप करने से जटिल से जटिल रोग भी ठीक हो जाते हैं, एवं रोगी की शारीरिक दुर्बलता, मानसिक क्‍लेश आदि भी दूर हो जाते हैं । इन मंत्रों का जप कोई भी व्‍यक्ति दिन या रात में, जब कभी भी मौका मिले, हनुमानजी के मंदिर में, घर में या जहां मरीज हो उस जगह बैठकर श्री हनुमान जी का ध्यान करते हुए करने रोग ठीक हो जाता हैं ।


इस दोहे के जप से हर तरह के रोग, शारीरिक दुर्बलता, मानसिक क्‍लेश आदि दूर होते हैं. खास बात यह है कि हनुमानजी के उपासक को सदाचारी होना चाहिए. सदाचार से वे प्रसन्‍न होते हैं और मनोकामनाओं को पूरा करते हैं.


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