एक बार एक युवक अपने गुरु से मिलने गया। उसने अपने गुरु से चाटुकारिता के बारे में पूछा।
गुरु ने उससे पूछा, "चाटुकारिता क्या होती है?" जवाब में युवक ने कहा, "चाटुकारिता वह गुण है जो हमें दूसरों को खुश रखने के लिए बोलने पर मजबूर करता है।"
गुरु ने उससे पूछा, "क्या तुम्हें यह लगता है कि चाटुकारिता सच्ची खुशियों का कारण होती है?" युवक ने हाँ कहा।
गुरु ने फिर सवाल पूछा, "क्या तुम यह भी सोचते हो कि चाटुकारिता के कुछ हद तक होना चाहिए?" युवक ने हाँ कहा।
गुरु ने एक उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "चाटुकारिता न केवल आपके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी अच्छी होती है। लेकिन, यदि तुम सभी के लिए सब कुछ करने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं करते हो, तो चाटुकारिता सिर्फ दिखावा हो जाएगी और आखिरकार लोग आपकी जिम्मेदारियों को समझेंगे नहीं।"
यह सुनकर युवक ने गुरु से पूछा, "लेकिन अगर मैं अपनी जिम्मेदारियों का पालन करता हूं और फिर भी दूसरों को खुश रखने के लिए चाटुकारिता करता हूं तो क्या वह गलत होगा?"
गुरु ने मुस्कुराते हुए कहा, "नहीं युवक, ऐसा करना गलत नहीं होगा। चाटुकारिता एक अच्छा गुण है, जो आपको स्वयं को और दूसरों को खुश रखने के लिए मजबूर करता है। यदि आप अपने कर्तव्यों का ध्यान रखते हुए दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, तो वह सच्ची चाटुकारिता है।"
गुरु ने उसे एक और उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "जैसे कि एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को उसके जन्मदिन पर बधाई देता है या उससे पूछता है कि क्या वह उसके लिए कुछ लाना चाहेगा। इससे उसके पड़ोसी का मन खुश होता है और यह उसे एक अच्छा संदेश देता है कि वह उसके लिए महत्वपूर्ण है। इसी तरह से, आप दूसरों को खुश रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हुए सच्ची चाटुकारिता कर सकते हैं। इसे अपने जीवन का एक नियम बनाने की कोशिश करें और अपने चारों ओर की संसार को बेहतर बनाने के लिए एक छोटा योगदान देने के लिए प्रेरित हों।"
युवक ने धन्यवाद कहकर गुरु से अलविदा कहा। वह यह जानकर बहुत खुश हुआ कि चाटुकारिता उसके जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है जो उसे सफलता और सुख की ओर ले जाने में मदद करेगा।
#चाटुकारिता #दोस्ती #गुरुशिष्य #हिंदीकहानी #जीवनकेनियम #उदाहरण #संदेश #जीवनदर्शन #अपनीजिम्मेदारी #खुशियां #सफलता #हिंदी_कहानियाँ #हिंदी_साहित्य #लघु_कथाएं #हिंदी
No comments:
Post a Comment