मई
जून में गर्मी बढ़ने के साथ पानी का संकट भी बढ़ने लगेगा | नलकूपों से भी जलापूर्ति
कम होने लगेगी | स्वच्छ पेयजल दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे ज़्यादा दुर्लभ संसाधनों में से एक है और दुनिया
में सिर्फ 1% से कम पानी पीने के लिए मनुष्यों के लिए सुलभ है, लेकिन
उद्योग, कृषि, स्वच्छता और पीने के पानी
के हमारे तेजी से बढ़ते पानी के उपयोग से मीठे
पानी पिछले 50 वर्षों में खपत बहुत ज्यादा हो गई है | पानी के
अति दोहन से जलस्तर काफ़ी नीचे चला गया है | और अगर हमने इस बढती हुई जल समस्या पर आपने
हिस्से की ज़िमेदारी नहीं निभाई तो सरे सुझाव और नियम हम सब को गंभीर परिणाम झेलने से
बच्चा नहीं पाएंगे |
आज मैं यहाँ पर जल संरक्षण के महत्व के पीछे
विचारों का पता नहीं लगाऊंगा मगर उन विकल्पों पर ध्यान दूंगा जिनको जो उम्मीद है
कि पीढ़ी से पीढ़ी के साथ आगे बताई और सिखाई जाएगी जिनसे चाहे हम दुनिया के किस्सी
भी कोने में हों, हम पानी के संरक्षण के लिए अपनी बहुमूल्य ज़िमेदारी और हिस्सेदारी
निभा सकते है:-
1. बर्बाद होने से पानी को बचाना और
2. प्रदूषित होने से पानी की रक्षा करना।
स्नानघर में
- अपने नहाने की अवधि कम करें (यथा संभव हो तो शावर का प्रयोग कम करें)
- जरुवत के समय हि नल चालू करे
- फ्लश की जगह बाल्टी से पानी का इस्तेमाल करें
रसोईघर में
- व्यंजनों और बागवानी के लिए पानी के लिए प्यूरीफियर से निकलने वाले पानी को इकट्ठा कर पुन: उपयोग करें।
- बर्तन खुद साफ़ करें डिशवाशर का कम प्रयोग करें ।
अहाते में
- बागवानी के लिय उचीत समय है शाम को
- बारिश के समय विशेष तोर से छत पर एक या दो टंकी बनाई जाएँ और इन्हें मजबूत जाली या फिल्टर कपड़े से ढ़क दिया जाए इससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी
- नलिकाएं और केन्स का प्रयोग करें
संरक्षण के अन्य तरीके:
- अगर कहीं हो पानी का लीक, तो उससे जल्द ठीक करें
- डर्टी स्टॉर्मवॉटर को रोकें
- पुन: उपयोग में ज्यादा से ज्यादा जल ले, recycling का इस्तेमाल करें।
- वाशिंग मशीन में कपड़े न सुखाय , उन्हें प्राकृतिक हवा में फैलाये |
- जितनी जरुवत हो उतने हि पानी का इस्तेमाल करें
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