एक गांव में एक अद्भुत पक्षी रहता था जिसके पंख हरे और नीले रंग के थे। यह पक्षी अपनी आवाज़ से सभी को हराने की क्षमता रखता था। लोग उसे देखकर चकित रह जाते थे और उसके गायन का आनंद लेते थे।
उसका नाम था “विनोदी पक्षी”।वह हमेशा चहचहाने और हंसने के लिए मशहूर था। उसके पास जीने का एक आनंदमय तरीका था और वह हर किसी को हंसाने की कोशिश करता था।
एक दिन, विनोदी पक्षी जंगल में घूम रहा था जब उसने देखा कि एक दीमक एक पेड़ के ऊपर रह रहा है। विनोदी पक्षी उससे बात करने के लिए उसके पास गया और कहा, "नमस्ते दोस्त, मेरा नाम विनोदी है। तुम कैसे हो?"
दीमक उदासीन भाव से बोला, "नमस्ते विनोदी, मैं ठीक हूँ। मेरा नाम धीरू है। मैं जीने के लिए इस पेड़ को चुना हूँ, यहां बहुत सुरक्षित महसूस करता हूँ ।"
विनोदी पक्षी हैरान हो गया, "लेकिन धीरू, तुम्हारे पास पंख क्यों नहीं हैं?"
धीरू उदासीनतापूर्वक उत्तर दिया, "हाँ, मुझे पंख नहीं मिले हैं। लेकिन यह मेरे जीवन का हिस्सा है, और मैं इसे स्वीकार कर रहा हूँ।"
विनोदी पक्षी धीरू के उदासीनतापूर्वक उत्तर को सुनकर विचलित हो गया। उसने कहा, "तुम वास्तव में बहुत ही अद्वितीय हो, धीरू। तुम्हारा इतना साहस और आत्मविश्वास मुझे प्रभावित कर रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हारी अद्भुतता मुझे और बहुत कुछ सिखा सकती है। क्या तुम मुझे अपनी कहानी सुनाओगे?"
धीरू मुस्काते हुए बोला, "आवश्यकता के समय हर एक चीज़ा अद्वितीय बन सकती है। अपनी दृष्टि और जीवन के आयाम को बदलने के लिए मैंने अपने अभाव को अपनाया है। मेरे बिना पंखों के होने के बावजूद, मैं पेड़ पर ऊंचाई पर खुद को सुरक्षित रखने के लिए बहुत कुछ कर सकता हूँ। मुझे यह आश्चर्यजनक शक्ति मिली है जो मेरे अंदर है और मुझे अन्य संवार्य तत्वों के साथ मिलकर विश्वास देती है।"
विनोदी पक्षी आश्चर्यचकित हो गया। उसने कहा, "धीरू, तुम्हारी कहानी वाकई मनोहारी है। तुम्हारी शक्ति और संकल्प से मैं भी प्रभावित हुआ। क्या हम मित्र बन सकते हैं?"
दीमक ने कहा, "हाँ, बिल्कुल! हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं!"
विनोदी पक्षी और धीरू दोस्त बन गए और उनकी मित्रता दिन पर दिन गहराई प्राप्त कर रही थी। विनोदी पक्षी धीरू से नई अनुभवों के बारे में बातें करने लगा और उसने धीरू की वीरता और साहस से प्रेरित होकर अपने जीवन में बदलाव लाने की सोची।
धीरू ने विनोदी पक्षी से कहा, "विनोदी, हम दोनों मिलकर इस जंगल में एक संगठन बना सकते हैं जो अन्य पक्षियों की मदद करे। हम उन्हें अपनी शक्तियों का प्रयोग करके समय और जोश से भर देंगे।"
विनोदी पक्षी उत्साहित हो गया और उसने कहा, "धीरू, यह बहुत अच्छा आदान-प्रदान होगा। हम अपनी संगठनिक क्षमता का उपयोग करके अन्य पक्षियों को सशक्त और सुरक्षित बना सकते हैं। हम उन्हें संगठित रूप से एकजुट करेंगे और उनकी आवाज़ को मजबूती देंगे।"
एक दिन, दीमक के मन में एक बुरा ख्याल उभर आया। उसे लगा कि पक्षी की सुंदर पंखों का उपयोग करके वह धनी हो सकता है। इसके बाद से, उसने एक चोरी योजना बनाई और अपने आप को पक्षी के भोले मित्र के साम्राज्य का मालिक बताना शुरू किया।
दीमक ने धीरे-धीरे पक्षी के पास जाकर कहा, "मेरे दोस्त, तुम जानते हो, मैंने एक रहस्यमय खजाने का पता लगाया है जो हमें अमीर बना सकता है। इस खजाने का राज केवल तुम और मैं ही जानते हैं। क्या तुम मेरे साथ चलोगे?"
Note:दीमक एक छोटी सी कीट होती है जो लकड़ी, पेड़ और घर की ढलाई में रहती है। । दीमक आमतौर पर रेलियों, दरवाज़ों, मुख्यालयों, औद्योगिक संरचनाओं, और लकड़ी के निर्माण में उपयोग होने वाली वस्तुओं को क्षति पहुंचा सकता है। यह अपने मुख्य आहार के रूप में लकड़ी को खाती है और उसके अंदर गंधक और विटामिन संयंत्र प्रवर्धित करती है, जिससे लकड़ी बेजान और कमजोर हो जाती है। दीमक वृद्धि की दर में तेजी से काम करता है और अगर इसे संयंत्र में नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह बड़े प्रमाण में क्षति पहुंचा सकता है। इसलिए, दीमक को नियंत्रित करने और उसकी बढ़ती वृद्धि से बचने के लिए विभिन्न कीटनाशक और सावधानियां अपनाना महत्वपूर्ण होता है।
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